तेज बारिश के साथ पीएम मोदी ने मनाया तीसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
लखनऊ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पे आम जनता के साथ रमाबाई मैदान में योगा किया पीएम मोदी ने करीब 45 मिनट तक योगाभ्यास किया इस दौरान पीएम ने 25 आसन किये पीएम मोदी के अलावा राज्यपाल राम नाईक, सीएम योगी, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और केशव मौर्या भी मौजूद रहे बुधवार को सुबह से ही बारिश शुरू हो गई जिसके चलते सैकड़ों लोग आयोजन स्थल से वापस लौट गए लेकिन इसके बावजूद हजारों की संख्या में रमाबाई अंबेडकर मैदान पर लोग पहुंचे उनके हौसलों को बारिश नहीं झुका पाई लोगों को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग शुरू कर दिया मोदी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल और उनकी कैबिनेट के कई मंत्री भी मौजूद रहे इसके मद्देनज़र वहां कड़ी सुरक्षा तैनात की गई
हालांकि रुक-रुक कर हो रही बारिश की वजह से मैदान में कई जगह पानी भर गया है, जिसकी वजह से योग के लिए की गई सारी तैयारियां खराब हो गईं हैं। लेकिन लोग फिर भी उत्साह के साथ मैदान में मौजूद रहे।
*योग के फायदे*– तन को स्वस्थ और मन को तंदरुस्त बनाने के लिए योग को सबसे बेहतर माना गया है हालांकि योग दिवस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की शुरुआत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून 2015 से की.
जिसके बाद से पूरी दुनिया 21 जून के दिन योग दिवस को ना सिर्फ एक पर्व के रुप में मनाती है बल्कि इसके प्रति लोगों को जागरुक भी करती है.
अब जब पूरी दुनिया ही योग दिवस मना रही है तो ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से योग शरीर को निरोगी और जीवन को कुदरती तरीके से समृद्ध बनाती है.
इतना ही नहीं ये कैसे लोगों को तन, मन और मस्तिष्क के बीच सेहत का संतुलन बनाने की कला सिखाती है।
योग की ये कला है सदियों पुरानी वैसे तन और मन के बीच सेहत का उत्तम तालमेल बनाने वाली ये कला आज की देन नहीं है बल्कि योग साधना की ये कला सदियों पुरानी है.
मान्यता है कि भगवान शिव से ही योग का जन्म हुआ है. जिस तरह से भगवान शिव का ना तो कोई प्रारंभ है और ना ही अंत, ठीक उसी तरह से योग का प्रारंभ भगवान शिव से ही हुआ है और उनकी तरह ही इसका कोई अंत नहीं है।
योग वो कला है जिसके जरिए शरीर, मन और दिमाग को पूरी तरह से ना सिर्फ तनाव मुक्त किया जा सकता है बल्कि ये आत्मा को शुद्ध करने का भी एक बेहतरीन जरिया है।
दुनिया भर के लोग योग के दीवाने हैं जब तन, मन और मस्तिष्क के बीच सेहत का बढ़िया तालमेल बैठ जाए तो इंसान का जीवन सुख और समृद्धि से भर जाता है।हालांकि योग भारत की देन है लेकिन इस कला ने दुनियाभर के लोगों को इस कदर प्रभावित किया कि
हालांकि रुक-रुक कर हो रही बारिश की वजह से मैदान में कई जगह पानी भर गया है, जिसकी वजह से योग के लिए की गई सारी तैयारियां खराब हो गईं हैं। लेकिन लोग फिर भी उत्साह के साथ मैदान में मौजूद रहे।
*योग के फायदे*– तन को स्वस्थ और मन को तंदरुस्त बनाने के लिए योग को सबसे बेहतर माना गया है हालांकि योग दिवस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की शुरुआत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून 2015 से की.
जिसके बाद से पूरी दुनिया 21 जून के दिन योग दिवस को ना सिर्फ एक पर्व के रुप में मनाती है बल्कि इसके प्रति लोगों को जागरुक भी करती है.
अब जब पूरी दुनिया ही योग दिवस मना रही है तो ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से योग शरीर को निरोगी और जीवन को कुदरती तरीके से समृद्ध बनाती है.
इतना ही नहीं ये कैसे लोगों को तन, मन और मस्तिष्क के बीच सेहत का संतुलन बनाने की कला सिखाती है।
योग की ये कला है सदियों पुरानी वैसे तन और मन के बीच सेहत का उत्तम तालमेल बनाने वाली ये कला आज की देन नहीं है बल्कि योग साधना की ये कला सदियों पुरानी है.
मान्यता है कि भगवान शिव से ही योग का जन्म हुआ है. जिस तरह से भगवान शिव का ना तो कोई प्रारंभ है और ना ही अंत, ठीक उसी तरह से योग का प्रारंभ भगवान शिव से ही हुआ है और उनकी तरह ही इसका कोई अंत नहीं है।
योग वो कला है जिसके जरिए शरीर, मन और दिमाग को पूरी तरह से ना सिर्फ तनाव मुक्त किया जा सकता है बल्कि ये आत्मा को शुद्ध करने का भी एक बेहतरीन जरिया है।
दुनिया भर के लोग योग के दीवाने हैं जब तन, मन और मस्तिष्क के बीच सेहत का बढ़िया तालमेल बैठ जाए तो इंसान का जीवन सुख और समृद्धि से भर जाता है।हालांकि योग भारत की देन है लेकिन इस कला ने दुनियाभर के लोगों को इस कदर प्रभावित किया कि
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