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Showing posts from September, 2017
जहां मिली थी मुगल बादशाह हुमायूं को शरण, उस गांव में पहुंचे पीएम मोदी* साढ़े चार सौ साल पहले शहंशाह हुमायूं यहां रुके थे जिससे गांव का नाम शहंशाहपुर पड़ा था। आज शहंशाहपुर एक बार फिर शोहरत से रूबरू हुआ जब उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी की। मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी से करीब 30 किलोमीटर दूर इस गांव का इतिहास से वास्ता रहा है। अनुश्रुति है कि इस गांव का नाम शहंशाह हुमायूं के नाम पर पड़ा जिसने 450 साल से भी अधिक समय पहले शेरशाह सूरी के साथ अपनी लड़ाई के बाद यहां एक वृद्धा की झोपड़ी में शरण ली थी। आज शहंशाहपुर ने प्रधानमंत्री ने मेजबानी की, जिन्होंने आज यहां ‘पशु आरोग्य मेला’ का उद्घाटन किया। यहां पहली बार पशु मेले का आयोजन किया गया है। प्रधानमंत्री ने गांव में स्वच्छ भारत अभियान के तहत एक शौचालय की आधारशिला रखी। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे भी मौजूद थे। भाजपा के सहयोगी ‘अपना दल’ के स्थानीय विधायक नीलरतन पटेल नीलू ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री की यात्रा से ग्रामीण
राजधानी लखनऊ 1991 बैच के आईएएस एल वेंकटेश्वरलू बने प्रदेश के नए मुख्य निर्वाचन अधिकारी वरिष्ठ आईएएस अफसर लक्कु वेंकटेश्वरलू प्रदेश के नए मुख्य निर्वाचन अधिकारी बनाए गए हैं। 1991 बैच के आईएएस अफसर के नाम पर भारत निर्वाचन आयोग ने मुहर लगा दी। पिछले छह महीने से यह पद खाली पड़ा था। शुक्रवार को इसके औपचारिक आदेश जारी हो गए। प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने के बाद मार्च में मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी. वेंकटेश केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली चले गए थे। तब से प्रदेश में यह पद खाली चल रहा था। प्रदेश सरकार ने तीन अफसरों के नामों का पैनल भेजा था। लेकिन पहले वाले पैनल को चुनाव आयोग ने रिजेक्ट कर दिया था। इसके बाद आयोग ने प्रदेश सरकार से नया पैनल भेजने के लिए कहा था। इसमें सरकार ने 1986 बैच के अफसर कुमार कमलेश, 1989 बैच की अफसर डिंपल वर्मा व 1991 बैच के अफसर एल वेंकटेश्वरलू के नाम का नया पैनल भेजा था। भारत निर्वाचन आयोग ने इनमें से एल. वेंकटेश्वरलू के नाम पर मुहर लगा दी। करीब छह महीने बाद प्रदेश को नया मुख्य निर्वाचन अधिकारी मिला है।